सत्य हिन्दू धर्म सभा ; आज का विचार : हिन्दुस्तानियो की दीवाली अलग विदेशी ब्राह्मण दिवाली अलग : हिंदुस्तानी लोग ५ नवंबर , २०१८ से ५ दिन की दिवाली मानते है . धनत्रयोदशी , नरक चतुर्दशी , , लक्समी पूजन , बलि प्रतिपदा , भाऊबीज ये वो ५ दिन है जिसे हिंदुस्तानी दीवाली के पर्व के नाम से मानते है . जब ये दिन खुसी के दिन जैसे मनाये जाते है तो जरूर खुसी के कारन रहे होंगे . इन में से लक्समी पूजन के दिन महावीर का निर्वाण आता है जिसे शायद ही कोई आनंद का दिन मने . नरक चतुर्दशी के दिन ...
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पांच नाग राजांचे राष्ट्र म्हणजे अखंड हिंदुस्थान ! वासुकी ,मंदार ,अनंत ,तक्षक ,शेष हे ते पांच नाग राज ! अखंड हिंदुस्थानात पांच नाग राजांचे राज्य होते ते म्हणजे दक्षिण हिंदुस्थानात वासुकी नाग , मध्य हिंदुस्थनांत नाग मंदार , जम्मू - काश्मीर -लद्धाक मध्ये अनंत नाग , त्या वर आजच्या अफगाणिस्थान , पाकिस्तान सकट प्रदेशावर तक्षक नाग आणि हिमालयात शेष नाग ! भगवान शिव , राम , कृष्ण , बुद्ध , महावीर हे सर्व नागवंशी ! काश्मीर सकट सर्व हिंदुस्थानात जी अशांती आहे त्याला कारण विदेशी वैदिक ब्राह्मिन धर्मी लोकांची घुसपेठ होय ! अखंड हिंदुस्थान निर्माण करणे हे नेटिव्ह रुल मोव्हमेन्ट चे ध्येय आहे ! नेटविस्ट डी डी राऊत , अध्यक्ष , नेटिव्ह रुल मोव्हमेन्ट
हिंदुस्तान की महारानी , सभी हिन्दू की माँ हिंडिम्बा ! मध्य भारत में मूल भारतीय , आदिवासी , आदिवंशी , नेटिव का राज निरंतर रहा है जो महाभारत काल में भी अस्तित्व में था। जिसे मायावी वन कहा गया वो दर असल आदिवासी का मध्य भारत , गुजरात , महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश , झारखंड , छोटा नागपुर , बस्तर आदि मिल कर आदिवासी पुरातन राज्य था जिस की महारानी हिंडिबा थी और उसका सेनापति उसका भाई हिडिम्ब था। हिडिम्बा का मतलब होता है हिन्दू की माँ या बा। बा का मतलब भी गुजराती में माँ होता है। हिंडिबा हिंदुस्तान की मलिका , महारानी थी। वो आदिवासी यानि मूल भारतीय , नेटिव हिन्दू थी। उसका धर्म नेटिव हिन्दू धर्म था जो विदेशी वैदिक ब्राह्मण धर्म से अलग था और उनका आराध्य भगवन शिव थे। भगवन शिव आदेश से ही शिव काल से शिव गण आदिवासी , मूल भारतीय , हिन्दू रक्षक वैदिक ब्रह्मिन धर्म के होम हवन को उध्वस्त करते रहे है जो हम रामायण में भी देखते है। महारानी हिडिम्बा के साम्राज्य में जब पांडव अपनी जान बचने के लिए ,लक्ष गृह की आग से भागे तो उन्हों ने ऐसी हिडिम्बा माहरणी के राज्य में शरण ली। ...
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